नेपानगर नगर पालिका कर्मचारियों को भ्रष्टाचार मामले में हुई सजा।
बुरहानपुर जिले के नेपानगर नगर पालिका के कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के मामलें में हुई सजा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की 13(1)डी , सहपठित धारा 13(2) के अन्तगर्त 4 वर्ष सश्रम कारावास और कुल 2000 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
उल्लेखनीय हैं कि बुरहानपुर जिले में स्वच्छता सामग्री जल संधारण व विद्युत सामग्री सप्लाई हेतु ठेका ले रखा है। ठेकेदार ने लगभग 1 लाख 80 हजार रुपये का सामान नगर पालिका परिषद् नेपानगर में सप्लाई किया था, जिसके बिल का भुगतान 4 प्रतिशत वेट टेक्स व टीडीएस काटकर लगभग 1 लाख 75 हजार रुपए के आसपास बनता है, जिसका भुगतान करने के लिये प्राप्त होने वाले रूपयों में से 27 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में एवं 5 प्रतिशत राशि अलग से उनके लिए इस प्रकार 32 प्रतिशत राशि लगभग 56000 रुपये रिश्वत की मांग ठेकेदार से की थी। जिसकी शिकायत फरियादी अजय द्वारा लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में की गयी थी, इंदौर लोकायुक्त ने आरोपी को ट्रैप करने के लिए कैमिकल लगे नोटो को ठेकेदार के हाथों रिश्वत मांग रहे सीएमओ को देने।लगवाए तो उन्होंने रिश्वत की राशि 12000 रुपये अपने ड्राईवर दैनिक वेतन भोगी वाहन चालक अनिल गावन्डे को रिश्वत राशि देने के लिए कहां तब फरियादी द्वारा रिश्वत की राशि अनिल गावन्डे को दी गयी जिस संबंध में तत्काल लोकायुक्त पुलिस द्वारा अनिल गावन्डे एवं सुधाकर कुबड़े को पकड़कर कार्यवाही की। जिले में लोकायुक्त द्वारा की गयी कार्यवाही के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पहली बार किसी आरोपी को सजा हुई हैं। आरोपी को 4 वर्ष सश्रम कारावास और 2000 रूपयें के अर्थदण्ड से दंडित किया गया ।
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